भारतीय प्रागैतिहास को उद्घाटित करने का श्रेय किसे हैं- डॉक्टर प्राइम रोज नामक अंग्रेज को है जिसने 1842 में कर्नाटक के रायचूर जिले में लिंगसुगुर नामक स्थान से प्रागैतिहासिक औजारों की खोज की
प्री हिस्टोरिक इंडिया नामक कृति जिसमें प्रागैतिहासिक संस्कृति का भली-भांति विवरण दिया गया है किसकी कृति है- स्टुअर्ट पिगट ने 1950 में इसका प्रकाशन किया
होमीनिड्स से संबंधित आद्यतम शिल्प उपकरण किस पत्थर से निर्मित है- क्वार्ट्जाइट पत्थर से निर्मित
राजस्थान के किस रेगिस्तानी क्षेत्र से 100000 ईसा पूर्व के एशुली हस्त कुठार मिले हैं- डीडवाना, नागौर नामक पूर्व पुरापाषाण स्थल
इतिहास का त्रिकाल प्रणाली (Three age system) पाषाण,कांस्य व लौह युग में विभाजन किस पुरातत्वविद ने किया- सी जे टाॅमसन
किसे सोहन घाटी का पितामह कहा जाता है- डी एन वाडिया
सर्वप्रथम पाषाण के औजार बनाने का श्रेय किस प्रजाति को है- होमोहेबिलस
ओल्डोवान (Oldowan)संस्कृति किस प्रजाति से सम्बधित है- होमोहैबिलस
आल्टामीरा की गुफाएँ किस देश में स्थित है- स्पेन
निएन्डरथल मानव से जुड़ी संस्कृति मानी जाती है- मोस्तारी
फलक व तक्षणी (Blade and burin culture) संस्कृति थी- उच्च पुरा पाषाण काल
नर्मदा घाटी के हथनोरा से मिला प्रागैतिहासिक मानव का जीवाश्म किस प्रजाति का है- होमो इरेक्टस
सर्वप्रथम पुरा पाषाण शब्द का प्रयोग किसने किया था- जाॅन लुब्बाक
ओल्डोवान, एशुली ,मोस्तारी , एबीवेली पाषाण संस्कृतियों का सही विकास क्रम हैं- एबीवेली ,ओल्डोवान,एशुली व मोस्तारी
अलंकृत लूनेरा (हार्वेस्टर) किस नवपाषण स्थल से प्राप्त हुआ है- गुफ्फकराल (कश्मीर )
प्राचीनकाल चूल्हे के अवशेष किस स्थल से प्राप्त हुए है- बिला सुरगाम (आन्ध्रप्रदेश)
नवपाषाण स्थल बैल्लारी (कर्नाटक ) की खोज किसने की थी- फ्रेजर
झोपड़ी का प्राचीनतम साक्ष्य किस स्थल से प्राप्त हुए है- पैसरा (बिहार )
किस नवपाषाण स्थल से मालिक के साथ पालतू बकरी को दफनाने के साक्ष्य मिले है- मेहरगढ
भीमबेटका की गुफाओं की चित्रकारी में सर्वाधिक प्रयोग किन रंगों का हुआ है- लाल व सफेद
महासतियो का टीला किस स्थल को कहा जाता है- बागौर (राजस्थान )
किस मध्य पाषाण कालीन स्थल से युद्ध का प्रमाण मिलता है मिलता है- सराय नाहर राय
कौन सा मध्य पाषाण कालीन स्थल भारत का सबसे बड़ा स्थल है- बागोर भीलवाड़ा(बागोर, तिलवाड़ा और आदमगढ़ से पशुपालन के साक्ष्य मिले है )
नवपाषाण शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया- जान लुबाक ने 1865 में अपनी पुस्तक प्रीहिस्टोरिक टाइम्स में इसका प्रयोग किया
शवों को दफनाने की प्रथा किस काल से प्रारंभ हुई- मध्यपाषाण काल
किस मध्यपाषाण स्थल से ऊंट की हड्डियाँ प्राप्त हुई है- कनेवल (गुजरात )
भारत मे मध्यपाषाणकालीन उपकरणों की सर्वप्रथम खोज कहा हुई- विन्ध्य क्षेत्र में 1867
सर्वाधिक मानव कंकाल कहा से प्राप्त होते है- लेहखहिया ( उत्तरप्रदेश )
बनासियन बूल कहा से मिला है- आहड़ (राजस्थान )
पटसन का प्राचीनतम साक्ष्य कहा से प्राप्त हुआ है- नेवासा (महाराष्ट्र )
शिशु स्कर्वी का उदाहरण कहा से मिलता है- दायमाबाद (महाराष्ट्र )
सबसे बड़ी ताम्र निधि कहा से प्राप्त होती है- गुनेरिया (मध्यप्रदेश )
माइलस्टोन 101 क्या है- सिंध पाकिस्तान में पत्थर के औजार बनाने का एक कारखाना जो पूर्व पुरापाषाण काल से संबंधित है
मोगरा पहाड़ी जहां से पूर्व पुरापाषाण शिल्प उपकरण के साक्ष्य मिले हैं किस स्थान पर स्थित है- जोधपुर
मध्य पुरापाषाणिक लूनी उद्योग के साक्ष्य किस स्थान से मिले है- बारिधानी ,मोगरा, होकरा, नागरी
पुरापाषाण युग की जलवायु परिस्थितियां कैसी थी- अतिशीत,अतिवृष्टि,जलप्लावन एवं झंझावात जैसी कठिन जलवायु परिस्थितियां थी
उत्तर पुरापाषाण युग की भीमबेटका की चित्रकारी के प्रारंभिक रंग और पशु आकृतियां कैसी थी- भीमबेटका की चित्रकारी भारत की प्राचीनतम चित्रकारी है जिसमें प्रारंभिक चित्र हरे एवं गहरे लाल रंग से बने हैं जिसमें भैंस, हाथी,बाघ, गेंडा व सूअर के चित्र विशेष रूप से देखने के लिए मिलते हैं|
भीमबेटका में कितने प्रागैतिहासिक शेलाश्रय है- 642 यह सूचना यशोधर मठपाल के द्वारा दी गई है
हथनोरा से प्राप्त होमिनिड का जीवाश्म किसका है- 5 दिसंबर 1982 को नर्मदा घाटी में अरुण सोनकिया ने इसकी की खोज की यह जीवाश्म एक 30 वर्षीय महिला का माना गया है
भारत के जिस एकमात्र उत्तर पुरापाषाण ठिकाने से हड्डियों के औजार मिले हैं- कुर्नूल गुफाएं (मुच्चटा चिंतामनु गावी गुफ़ा )
माइक्रोलिथ कल्चर,पशुपालन,प्रक्षेपास्त्र तकनीकी, शवों को विधिवत दफनाना एवं धार्मिक आचार व्यवहार की शुरुआत किस काल से हुई- मध्य पाषाण काल
मध्य पाषाण युग के गुफा चित्रों में किस पशु की आकृति सबसे अधिक देखने को मिलती है- हिरण के चित्र इस काल में बैंगनी,सिंदूरी ,हल्का नारंगी, भूरा एवं रक्ताभ रंगों का प्रयोग किया गया है |
मृदभांड निर्माण,अग्नि,कृषि की शुरुआत,स्थिर जीवन व दुग्ध प्राप्ति के लिए पशुपालन आदि की शुरुआत किस काल में हुई- नवपाषाण काल
अंजीरा नामक नवपाषाण कालीन स्थल जो श्रृंग प्रस्तर का फलक उद्योग, हड्डी के सुए एवं पांडुरंग के उत्तम मृदभांड का केंद्र रहा किस स्थान पर है- सुराब घाटी,मध्य-बलूचिस्तान
वह मध्य पाषाण कालीन स्थल जहां से बांस की आड बनाई जाती थी- बागोर,भीलवाड़ा