हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने 2613 एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द कर दी हैं। भर्ती के खिलाफ दायर याचिका को स्वीकार करते हुए न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर व न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने शुक्रवार को इस मामले पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने सरकार को आगामी छह माह के भीतर इनकी जगह नई भर्तियां करने के निर्देश दिए। मामले के अनुसार प्रार्थी कुलदीप कुमार और अन्यों ने सरकार की ओर से स्टॉप गैप अरेंजमेंट के नाम पर की गईं एसएमसी भर्तियां को हाईकोर्ट में यह कहते हुए चुनौती दी थी कि ये नियुक्ति गैरकानूनी हैं। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की सरासर अवहेलना है। प्रार्थियों की यह भी दलील थी कि इन शिक्षकों की भर्तियां भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के विपरीत हैं। इससे सभी के समान अवसर जैसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। दूसरी तरफ एसएमसी अध्यापकों कहना था कि वे वर्ष 2012 से हिमाचल के अति दुर्गम क्षेत्रों में बिना किसी रुकावट के सेवाएं दे रहे हैं और उनका चयन प्रदेश सरकार ने नियमों के तहत किया है। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिए कि वह 6 माह के भीतर नियमों के तहत अध्यापकों की नियुक्तियां करे। हाईकोर्ट ने स्कूली बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई बाधित न हो, इसका भी विशेष ध्यान रखने को कहा है।