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Category: Himachal Pradesh GK

हिमाचल में स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत

सन् 1845-46 के प्रथम अंग्रेज-सिक्ख युद्ध ने काँगड़ा तथा कुल्लू की पहाड़ी रियासतों को अंग्रेजों के चंगुल में धकेल दिया। 9 मार्च 1846 की सन्धि के अनुसार हिमाचल के अधिकांश हिस्से सिक्खों के छूटकर सीधे अंग्रेजी प्रशासन के अधीन आ गए, जिसके परिणामस्वरूप पहाड़ी रियासतों पर अंग्रेजों का एकाधिकार स्थापित हो गया। अंग्रेजों ने सिक्खों…
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आधुनिक हिमाचल का इतिहास (ब्रिटिश)

1. ब्रिटिश और गोरखे- गोरखों ने कहलूर के राजा महानचंद के साथ मिलकर 1806 में संसारचंद को हराया। अमर सिंह थापा ने 1809 ई. में हिण्डूर के राजा राम सरन सिंह पर दबाव डालना शुरू कर दिया परन्तु अंग्रेजी सेनाओं के लुधियाना आने से ‘पलासी’ उसके कब्जे में आने से बच गया। अमर सिंह थापा…
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आधुनिक हिमाचल का इतिहास (सिख और गोरखा)

सिख- गुरू नानक देव सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरू थे। गुरू नानक देव जी अपनी तीसरी उदासी (यात्रा) में 1514 AD में हिमाचल प्रदेश आए थे। गुरूनानक देव जी ने कांगड़ा, ज्वालामुखी, कुल्लू, सिरमौर और लाहौल-स्पीति की यात्रा की। पाँचवें सिख गुरु अर्जुन देव जी ने पहाडी राज्यों में भाई कलियाना को हरमिंदर…
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मध्यकालीन हिमाचल का इतिहास (मुगल वंश)

1. बाबर— बाबर ने 1525 में काँगड़ा के निकट ‘मलौट’ में अपनी चौकी स्थापित की। बाबर ने 1526 ई. में पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहिम लोदी को हराकर भारत में मुगल शासन की स्थापना की। 2. हुमायूँ और शेरशाह सूरी—- उसके बाद उसका पुत्र हुमायूँ गद्दी पर बैठा। अफगान राजा शेर खान (शेरशाह सूरी)…
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मध्यकालीन हिमाचल का इतिहास

(i) महमूद गजनवी- महमूद गजनवी ने भारत पर 17 आक्रमण किये थे। महमूद गजनवी ने 1009 ई. में आनन्दपाल को हराने बाद नगरकोट पर आक्रमण किया और उसके खजाने को लूटा। नागरकोट किले पर तुर्कों पर कब्जा 1043 ई. तक रहा जिसके बाद दिल्ली के तोमर राजा महिपाल ने नागरकोट से गजनवी शासन की समाप्ति…
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