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Category: Study material

आपदा प्रबंधन

आपदा स्वाभाविक रूप से या मानव निर्मित गतिविधियों के कारण उत्पन्न एक ऐसी स्थिति होती है जो मानव और पशु जीवन के लिए एक बड़ा अवरोध उत्पन्न करती है। इन आपदाओं को रोकना आपदा प्रबंधन कहलाता है। ये आपदाएँ बाढ़, भूकंप, सुनामी, या जैविक या रासायनिक हथियार हो सकती हैं जो कुछ शरारती मानव द्वारा…
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GPS (Global Positioning System)

जीपीएस को Global Positioning System के नाम से भी जाना जाता है। GPS आपको एक जगह से दूसरे जगह तक पहुंचने में मदद करता है। जीपीएस का इस्तेमाल हम लोकेशन पता करने में करते हैं। GPS तीन कम्पोनेंट से मिल कर बना होता है, जिसमें GPS Ground Control Station , GPS Satellite और GPS Receiver…
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HRTC आधारभूत संरचना

एचआरटीसी के बुनियादी ढांचे में निम्नलिखित शामिल हैं:एक कॉर्पोरेट कार्यालय4 मंडल कार्यालय (शिमला, मंडी, हमीरपुर और धर्मशाला)27 डिपो4 संभागीय कार्यशालाएँ3 बस बॉडी बिल्डिंग इकाइयाँ23 क्षेत्रीय कार्यशालाएँ7 चालक प्रशिक्षण संस्थान (जसूर, मंडी, तारादेवी, हमीरपुर, चंबा, सरकाघाट और कुल्लू)मंडी, परवाणू और जसूर में 3 टायर प्री-क्योर री-ट्रेडिंग प्लांट

IT in HRTC

एचआरटीसी में कंप्यूटरीकरण की शुरुआत 1994 में प्रधान कार्यालय में पांच टर्मिनलों के साथ एक सर्वर (486 ईआईएसए मशीन) स्थापित करके की गई थी। वर्तमान में एचआरटीसी में कम्प्यूटरीकरण विभिन्न स्तरों पर फैल चुका है। कॉर्पोरेट स्तर पर निम्नलिखित गतिविधियों को कम्प्यूटरीकृत किया गया है:-मासिक समीक्षा डेटा और उसका विश्लेषणमार्गवार जानकारीवाहनवार सूचनाजीपीएफ/सीपीएफ कम्प्यूटरीकरणजारी करने को…
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HRTC द्वारा चलाई जा रही योजनाएँ

H.R.T.C. (हि.प्र. सड़क परिवहन निगम )-2 अक्टूबर, 1974 को HRTC का गठन हि.प्र. परिवहन और मण्डी कुल्लू परिवहन को मिलाकर किया गया। हिमाचल पथ परिवहन निगम लोगों को राज्य में तथा राज्य के बाहर 3,254 बसों द्वारा यात्री परिवहन सुविधाएँ उपलब्ध करवा रहा है तथा प्रतिदिन 6.14 लाख किलोमीटर (लगभग) दूरी के साथ 2,693 रूटों…
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