भारत में स्वतंत्रता पूर्व बनी शिक्षा समितियां/आयोग
कलकत्ता विश्वविद्यालय परिषद – साल 1818
चार्ल्सवुड समिति – 1824 – इसे भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा भी कहा जाता है
डब्लू डब्लू हंटर शिक्षा आयोग – 1882-1883 – भारत में महिला शिक्षा का विकास करना
सर थॉमस रैले आयोग – साल 1902 – इसी आयोग की रिपोर्ट पर 1904 में भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम पारित किया गया
एम ई सैडलर आयोग – 1917 – स्कूली शिक्षा को 12 वर्ष करने का सुझाव दिया गया।
सर फिलिप हार्टोग समिति – साल 1929 – इसमें व्यावसायिक व औद्योगिक शिक्षा पर जोर दिया गया
सर जॉन सार्जेण्ट समिति – साल 1944 – इसमें 6 से 11 साल की उम्र तक के बच्चों को निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा की बात कही गई।
भारत में स्वतंत्रता के बाद बनी शिक्षा समितियां और आयोग
डॉ. एस. राधाकृष्णनन् आयोग – साल 1948-49 – विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की स्थापना।
मुदालियर शिक्षा आयोग – साल 1952-53 – इसे माध्यमिक शिक्षा आयोग भी कहा जाता है
डॉ. डीएस कोठारी आयोग – साल 1964 – इसमें सामाजिक उत्तरदायित्व व नैतिक शिक्षा पर ध्यान दिया गया
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पुनर्विचार – 1992 – एक सजग व मानवतावादी समाज के लिए शिक्षा का इस्तेमाल। इसे आचार्य राममूर्ति समिति भी कहा जाता है।
एम. बी. बुच समिति – साल 1989 – दूरस्थ शिक्षा माध्यम पर बनी पहली शिक्षा समिति।
जी.राम रेड्डी समिति – साल 1992 – दूरस्थ शिक्षा पर केन्द्रीय परामर्श समिति
प्रोफ़ेसर यशपाल समिति – 1992 – बोझमुक्त शिक्षा की संकल्पना
रामलाल पारेख समिति – 1993 – बीएड पत्राचार समिति
प्रो. खेरमा लिंगदोह समिति – 1994 – पत्राचार बीएड अवधि 14 माह तय की गई
प्रो. आर टकवाले समिति – साल 1995 – सेवारत अध्यापकों हेतु पत्राचार से बीएड
राष्ट्रीय ज्ञान आयोग – 2005 – ज्ञान आधारित समाज की संकल्पना व प्राथमिक स्तर से अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा को अनिवार्य करने की सिफारिश की गई
जस्टिस जे एस वर्मा समिति – साल 2012 – शिक्षकों की क्षमता की समय-समय पर जाँच
राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2017 – राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2017 का मसौदा तैयार करने के लिए प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक एवं पद्मविभूषण डॉ. के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में 9 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इसकी रिपोर्ट जून, 2018 तक आने की उम्मीद जताई जा रही है।