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Category: Himachal Pradesh GK

पुर्व मध्यकालीन हिमाचल का इतिहास

सिकन्दर का आक्रमण— सिकन्दर ने ई. पू० 326 वर्ष के लगभग भारत पर आक्रमण किया था और वह विपाशा यानि व्यास नदी के किनारे तक पहुंचा था जहां से आगे उसके सैनिकों ने बढ़ने से इन्कार कर दिया था। इसका कारण एक तो यह था कि हिमालीय क्षेत्र दुर्गम थे और दूसरे यहां के आयद्धजीवी…
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हिमाचल प्रदेश के प्राचीन जनपद

महाभारत में 4 जनपदों त्रिगर्त, औदम्बर, कुलुटा और कुलिन्द का विवरण मिलता है। 1.औदम्बर—- यह हिमाचलीय क्षेत्रों का एक महत्वपूर्ण जनपद था। महाभारत के अनुसार औदुम्बर विश्वामित्र के वंशज थे जो कौशिक गोत्र से सम्बन्धित है। औदुम्बर राज्य के सिक्के काँगड़ा, पठानकोट, ज्वालामुखी, गुरदासपुर और होशियारपुर के क्षेत्रों में मिले जो उनके निवास स्थान की पुष्टि…
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प्राचीन हिमाचल

(i) प्रागैतिहासिक काल- हिमालयी क्षेत्र में पूर्व-ऐतिहासिक व्यक्ति के अस्तित्व के कई प्रमाण हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि दो मिलियन साल पहले कम से कम एक प्रकार की प्रजाति का आदमी हिमाचल की तलहटी में रहता था, यह कांगड़ा के ब्यास घाटियों की बानगंगा-ब्यास, नालागढ़-बिलासपुर की सिरसा-सतलुज घाटियों और सिरमौर की मारकंडा घाटी…
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हिमाचल प्रदेश का इतिहास

हिमाचल प्रदेश के इतिहास की प्राचीन काल के सिक्कों, शिलालेखों, साहित्य, यात्रा वृत्तांत और वंशावलियों के अध्ययन के द्वारा हम जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 1.पुरातात्विक स्रोत — हिमाचल प्रदेश के इतिहास के लिए पुरातात्विक स्रोतों का बहुत महत्व है। पुरातात्विक स्रोतों में पत्थर के औजार, सिक्के, शिलालेख स्मारक और मूर्तियां शामिल हैं, जहां खुदाई…
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History of Himachal Pradesh

Sources of History— 1. Archaeological Sources—The importance of Archaeological sources for the history of Himachal Pradesh is varied in the absence of reliable literary sources.The archaeological sources include stone tools implements coins inscription monuments and sculptures, the places where the excavation have been made include Guler, Dhaliara, Dehra, Masrur all in Kangra district.Other surveys inducted…
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