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हिन्दी भाषा एवं साहित्य- 1

  • भारत का शेक्सपीयर किसे कहा जाता है- कालिदास को
  • किस काल को स्वर्णकाल कहा जाता है- भक्ति काल
  • हिन्दी साहित्य में हालावाद के प्रवर्तक- हरिवंशराय बच्चन
  • हिन्दी का प्रथम समाचारपत्र कौन सा है- उदंत मार्तण्ड
  • हिन्दी के सर्वप्रथम दैनिक समाचार-पत्र- सुधावर्षण
  • देवताओं की लिपि किसे कहा जाता है- देवनागरी लिपि
  • मैथिली किस राज्य की भाषा है- बिहार
  • अमीर ख़ुसरो ने जिन मुकरियों, पहेलियों और दो सुखनों की रचना की है, उसकी मुख्य भाषा है- खड़ीबोली
  • हिन्दी के प्रथम कवि- सिद्ध सरहपा ( 9वीं शताब्दी )
  • कलम का सिपाही किसे कहा जाता है- मुंशी प्रेमचंद
  • हिन्दी साहित्य के इतिहास के सर्वप्रथम लेखक का नाम क्या है- गार्सा दतासी
  • ‘पद्मावत’ किसकी रचना है- मलिक मुहम्मद जायसी
  • सूरदास के गुरु कौन थे- बल्लभाचार्य
  • भारत में सबसे कम बोला जाने वाला भाषायी समूह है- चीनी-तिब्बती
  • चीनी-तिब्बती भाषा समूह की भाषाओं के बोलने वालों को कहा जाता है- निषाद
  • भारत में सबसे अधिक बोला जाने वाला भाषायी समूह है- इण्डो-आर्यन
  • रामधारी सिंह ‘दिनकर’ को किस रचना के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला था- उर्वशी
  • हिन्दी विषय पर प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले कौन थे- सुमित्रानंदन पंत
  • अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्व विद्यालय की स्थापना कहाँ की जा रही है- भोपाल ( मध्य प्रदेश )
  • भारतीय भाषाओं को कितने प्रमुख वर्गों में बाँटा गया है- 4
  • देश का पहला राष्ट्रीय हिन्दी संग्रहालय कहाँ स्थापित किया जा रहा है- आगरा
  • भारत के प्रथम राष्ट्रकवि कौन हैं- मैथिलीशरण गुप्त
  • हिन्दी का प्रथम एकांकी- एक घूँट
  • हिन्दी साहित्य के इतिहास को कितने काल खण्डों में विभाजित किया गया है- चार काल खण्डों में-आदिकाल या वीरगाथा काल, मध्यकाल या भकितकाल, उत्तर मध्यकाल या रीतिकाल, आधुनिक काल
  • संविधान की आठवीं अनुसूची के अनुसार कितनी भाषाओं को राजभाषा के रूप में सांविधानिक मान्यता प्राप्त हैं- 22 भाषाएं
  • हिन्दी गध के प्रतिष्ठापक- आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी
  • अपभ्रंश के योग से राजसाषानी भाषा का जो साहित्यिक रूप बना, उसे कहा जाता है- डिंगल भाषा
  • हिन्दी की प्रथम पत्रिका- संवाद कौमुदी
  • हिन्दी की वर्णमाला में कितने स्वर व कितने सम स्वर हैं- 11 स्वर व 33 सम स्वर
  • देवनागरी लिपि को राष्ट्रलिपि के रूप में कब स्वीकार किया गया था- 14 सितम्बर, 1949
  • हिन्दी दिवस किस तिथि को मनाया जाता है- 14 सितम्बर
  • ‘अतीत के चलचित्र’ के रचयिता कौन हैं– महादेवी वर्मा
  • ‘अशोक के फूल’ (निबंध सग्रह) के रचनाकार कौन हैं – हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
  • ‘अष्टछाप’ के सर्वश्रेष्ठ भक्त कवि कौन हैं– सूरदास
  • ‘आँसू’ (काव्य) के रचयिता कौन हैं– जयशंकर प्रसाद
  • ‘एक नार पिया को भानी। तन वाको सगरा ज्यों पानी।’ यह पंक्ति किस भाषा की है– ब्रजभाषा
  • ‘कामायनी’ किस प्रकार का ग्रंथ है– महाकाव्य
  • ‘गागर में सागर’ भरने का कार्य किस कवि ने किया है– बिहारीलाल
  • ‘गाथा’ (गाहा) कहने से किस लोक प्रचलित काव्यभाषा का बोध होता है– प्राकृत
  • ‘घनिष्ठ’ की शुद्ध उत्तरावस्था क्या है– घनिष्ठतर
  • ‘चारु’ शब्द की शुद्ध भावात्मक संज्ञा क्या है– चारुता
  • ‘चिंतामणि’ के रचयिता कौन हैं– रामचन्द्र शुक्ल
  • ‘जो जिण सासण भाषियउ सो मई कहियउ सारु। जो पालइ सइ भाउ करि सो तरि पावइ पारु॥’ इस दोहे के रचनाकार का नाम क्या है– देवसेन
  • ‘झरना’ (काव्य संग्रह) के रचयिता कौन हैं– जयशंकर प्रसाद
  • ‘दुरित, दुःख, दैन्य न थे जब ज्ञात, अपरिचित जरा-मरण-भ्रू पात।।’ इस पंक्ति के रचनाकार कौन हैं – सुमित्रानंदन पंत
  • ‘देखन जौ पाऊँ तौ पठाऊँ जमलोक हाथ, दूजौ न लगाऊँ, वार करौ एक करको।’ ये पंक्तियाँ किस कवि द्वारा सृजित हैं– नाभादास
  • ‘दोहाकोश’ के रचयिता कौन हैं– सरहपा
  • ‘नमक का दरोगा’ कहानी के लेखक कौन हैं– प्रेमचंद
  • ‘नागनंदा’ नामक संस्कृतनटक की रचना किस शासक ने की– हर्षवर्धन ने
  • ‘नाट्यशास्त्र’ की रचना किसने की– भरत मुनि
  • ‘जो जिण सासण भाषियउ सो मई कहियउ सारु। जो पालइ सइ भाउ करि सो तरि पावइ पारु॥’ इस दोहे के रचनाकार का नाम है- देवसेन
  • ‘एक नार पिया को भानी। तन वाको सगरा ज्यों पानी।’ यह पंक्ति किस भाषा की है- ब्रजभाषा
  • ‘रानी केतकी की कहानी’ की भाषा को कहा जाता है- खड़ीबोली
  • ‘बैताल पच्चीसी’ के रचनाकार हैं- सूरति मिश्र
  • ‘लहरें व्योम चूमती उठती। चपलाएँ असंख्य नचती।’ पंक्ति जयशंकर प्रसाद के किस रचना का अंश है- कामायनी
  • किस छायावादी कवि ने संवाद शैली का सर्वाधिक उपयोग किया है- जयशंकर प्रसाद
  • व्यवस्थाप्रियता और विद्रोह का विलक्षण संयोग किस प्रयोगवादी कवि में सबसे अधिक मिलता है- अज्ञेय में
  • भारतेन्दु कृत ‘भारत दुर्दशा’ किस साहित्य रूप का हिस्सा है- नाटक साहित्य
  • ‘जो अपनी जान खपाते हैं, उनका हक उन लोगों से ज़्यादा है, जो केवल रुपया लगाते हैं।’ यह कथन ‘गोदान’ के किस पात्र द्वारा कहा गया है- महतो
  • ‘पवित्रता की माप है मलिनता, सुख का आलोचक है दुःख, पुण्य की कसौटी है पाप।’ यह कथन ‘स्कन्दगुप्त’ नाटक के किस पात्र का है- देवसेना
  • ‘दोहाकोश’ के रचयिता हैं- सरहपा
  • ‘प्रेमसागर’ के रचनाकार हैं- लल्लू लालजी
  • ‘यह युग (भारतेन्दु) बच्चे के समान हँसता-खेलता आया था, जिसमें बच्चों की सी निश्छलता, अक्खड़पन, सरलता और तन्मयता थी।’ यह कथन किस आलोचक का है- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
  • मनुष्य से बड़ा है उसकाअपना विश्वास और उसका ही रचा हुआ विधान। अपने विश्वास और विधान के सम्मुख ही मनुष्य विवशता अनुभव करता है और स्वयं ही वह उसे बदल भी देता है॥’ यह कथन किस उपन्यासकार ने लिखा है- हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
  • वीरों का कैसा हो वसंत कविता के रचयिता हैं- सुभद्रा कुमारी चौहान
  • ‘आँसू’ (काव्य) के रचयिता हैं- जयशंकर प्रसाद
  • ‘पंचवटी’ कौन-सा समास है- द्विगु
  • ‘निरुत्तर’ शब्द का शुद्धसन्धि विच्छेद है- निः + उत्तर
  • ‘रामचरितमानस’ में कितने काण्ड हैं- (7)
  • कौन सा एक व्यंग्य लेखक है- हरिशंकर परसाई
  • ‘इतिहास’ शब्द का शुद्ध विशेषण है- ऐतिहासिक
  • ‘नवनीत’ शब्द का सही अर्थ है- मक्खन
  • ‘प्राचीन’ का विलोम है- अर्वाचीन
  • ‘मनुष्यता’ का विपरीतार्थक है- बर्बरता
  • ‘जिसका जन्म न हो’ एक शब्द बताएँ- अजन्मा
  • “कनक-कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय” में कौन-सा अलंकार है- यमक

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